Varanasi Main Ghumne Ki Jagah: कशी को वाराणसी और बनारस नाम से जाना जाता है ! काशी दुनिया का सबसे पुराना और पवित्र शहर है ! वाराणसी की पहचान होती है गंगा नदी से ! वाराणसी वह जगह है जिसे मोक्ष प्राप्ति का केंद्र कहा जाता है ! इस शहर को लेकर हिंदू धर्म में बड़ी मानता है अगर कोई व्यक्ति यहां आकर मर जाता है या कशी मैं उसका अंतिमसंस्कार होता है तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है ! वाराणसी शहर हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है वाराणसी में देश से ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग यहां की संस्कृति को समझने के लिए आते हैं काशी विश्वनाथ मंदिर दुनिया के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है ! काशी के बारे में कहा जाता है कि यह नगरी भगवान शिवजी की त्रिशूल पर खड़ी है
काशी विश्वनाथ | Kashi Vishwanath
Varanasi Main Ghumne Ki Jagah-वाराणसी का सबसे प्रमुख मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर है इस मंदिर की कहानी करीब 3000 साल से भी पुरानी है ! भगवान विश्वनाथ को विश्ववेश्वर नाम से भी जाना जाता है ! काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है हर साल लाखों की संख्या में लोग यहां दर्शन करने के लिए आते हैं ! आपको वाराणसी में घूमने की शुरुआत काशी विश्वनाथ मंदिर से करनी चाहिए
तुलसी मानस मंदिर | Tulsi Manas Temple
यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना भव्य मंदिर है मंदिर का निर्माण सन 1964 में कोलकाता के एक व्यापारी रतनलाल सुरेका ने करवाया था ! इस मंदिर की अपनी अलग ही खासियत है इस मंदिर के सभी दीवार पर श्री राम चरित्र मानस लिखा हुआ है ! यहां जो भी दर्शन के लिए आता है मंदिर उसकी यादों में बस जाता है ! ऐसा कहा जाता है कि इस स्थान पे तुलसीदास जी ने राम चरित्र मानस की रचना की थी
संकट मोचन मंदिर | Sankat Mochan Temple
यह मंदिर बनारस के दक्षिण दिशा में स्थित है यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है ! संकट मोचन शब्द का अर्थ है दुखों को हरने वाला ! इस मंदिर के पीछे लोगों की बहुत आस्था है ! इस मंदिर में बंदरो की संख्या बहुत ज्यादा देखने को मिलेग ! ऐसा माना जाता है इस मंदिर में हनुमान जी ने अपने भक्त गोस्वामी तुलसीदास जी को दर्शन दिए थे ! अगर आप वाराणसी आते है तो आपको यहाँ पर दर्शन जरूर करना चाहिए
दुर्गा माता मंदिर | Durga Mata Temple
यह मंदिर वाराणसी के रामनगर में स्थित है यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है इस मंदिर के बारे में कहा जाता है जो भी दर्शन के लिए आता है उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं माना जाता है कि यह मंदिर आदिकालीन है यहां पर मां काली विराजमान है मां सरस्वती साथ ही साथ बाबा काल भैरव भी इस मंदिर में विराजमान है
दशाश्वमेध घाट | Dashashwamedh Ghat
वाराणसी में गंगा नदी के किनारे स्थित सभी घाटों में सबसे प्राचीन और शानदार घाट है ! बनारस के सभी घाटों में दशाश्वमेध घाट को पंचतीर्थ के नाम से जाना जाता है ! दशाश्वमेध घाट मुख्य रूप से अपनी खूबसूरती और गंगा आरती के लिए जाना जाता है ! यहां रोजाना हजार की संख्या में पर्यटक गंगा आरती देखने के लिए आते हैं
काल भैरव मंदिर | Kaal Bhairav Temple
काल भैरव मंदिर काशी के पुरातन मंदिर में से एक है ! काल भैरव की उत्पत्ति स्वयं शिव ने की थी ! काल का राजा यानी काल भैरव नाम भी स्वयं शिव ने ही दिया है ! यहां आरती के समय घंटा डमरू की ध्वनि बहुत ही मोहन लगती है ! यहाँ की मान्यता यह है की काल भैरव का दर्शन किए बिना काशी विश्वनाथ का दर्शन अधूरा रहता है