Secrets of Jagannath Puri- मंदिर का निर्माण 12वीं सेंचुरी में गंगा डायनेस्टी के किंग ने किया था ! जगन्नाथ पुरी वो जगह है जहां वास होता है श्री कृष्णा का सुभद्रा जी का और बलराम जी का और जिन्हें त्रिदेव यानी ब्रह्मा विष्णु महेश जी का रूप भी माना गया है उड़ीसा के पुरी शहर में बस जगन्नाथ पुरी जी का यह मंदिर भारत में बसे विष्णु जी के चार धामों में से एक सबसे बड़ा धाम है जिसके दर्शन करने हर साल लाखों करोड़ लोग दूर-दूर से आते हैं जगन्नाथ पुरी के मंदिर के बड़े में कुछ ऐसे रहस्य है जिनका सवाल आज तक किसी को भी नहीं मिल पाया है और इन्हीं रहस्यों के चलते जो भी जगन्नाथ पुरी के दर्शन करने आता है उसे मनुष्य पर भगवान की कृपा हमेशा बनी रहती है !
Secrets of Jagannath Puri- जैसे की हम सब लोग जानते हैं की जगन्नाथ पुरी विष्णु जी का एक बहुत ही बड़ा धाम है और इस जगह पे कई सारे ऐसे विज्ञान रहस्य और चमत्कार छुपी हैं जिसको आज तक कोई नहीं समझा पाया इतिहासकार वैज्ञानिक यहां तक की यहां की पुजारी भी यहां के सारे रहस्यों को सुलझाने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन यहां के लोगों को इसमें बहुत ही कम सफलता मिली है हालांकि उड़ीसा के लोग इस बात को भगवान का चमत्कार मां चुके हैं और भगवान जगन्नाथ जी की सेवा में अपना जीवन न्योछावर कर चुके हैं विष्णु जी के चार धामों में जगन्नाथ पुरी जी की यात्रा सबसे ज्यादा रहस्मय मानी गई है।
1.चार धाम.. कहते हैं की हिंदू प्रथम के हिसाब से कर युग होते हैं और इन चारों युगों में विष्णु जी का यह एक एक धाम बनवाया गया है जिसमें सतयुग में बनवाया गया था बद्री धाम द्वापर में बनवाया गया था रामेश्वर हम त्रेता युग में बनवाया गया था द्वारकाधीश और कलयुग का है जगन्नाथ
2. अरुण और गरुड़ स्तंभ.. इस मंदिर की एंट्री पे ही आपको सबसे पहले दिखेगा अरुण स्तंभ कहते हैं अरुण और गरुड़ विष्णु जी के वहां हैं और अगर आपको जगन्नाथ पुरी में जगन्नाथ जी के दर्शन करने हैं तो आपको सबसे पहले एंट्री गेट पे अरुण भगवान से दर्शन की अनुमति लेनी पड़ेगी फिर जब आप अंदर जाएंगे तो जगन्नाथ पुरी की तीनों मूर्ति से पहले आपको गरुड़अस्तम्ब मिलेगा जिसके पास जाकर आप अपनी इच्छाएं प्रकट कर सकते हैं और गरुड़ देव वह इच्छाएं विष्णु जी तक ले जाते हैं इस के बाद आपको भगवान जगन्नाथ के दर्शन प्राप्त होते हैं
3. प्रभु पतित पवन.. इन्हीं दरवाजा से जगन्नाथ पुरी मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं सिर्फ सनातनी या फिर हिंदू धर्म के लोग कहते हैं अगर आप हिंदू धर्म के नहीं हैं तो आप जगन्नाथ पुरी मंदिर में भगवान के दर्शन बाहर से भी कर सकते हैं जिसमें आपको जगन्नाथ पुरी के द्वारा पर खड़े होकर प्रभु प्रतीत पवन के दर्शन मिल कर सकते हैं! और साल में भगवान अपने भक्तों को दर्शन देने बाहर भी आते हैं और उन 9 दोनों में जब भगवान बाहर आते हैं तो एक यात्रा करके वह गुंडी से टेंपल तक जाते हैं उसे यात्रा का नाम है रथ यात्रा या फिर पतित पवन यात्रा
4.जांबशिला… जब भी आप जगन्नाथ पुरी मंदिर में प्रवेश करेंगे तो आपको मंदिर तक जाने के लिए 22 सीढ़ियों को पार करना पड़ेगा उन 22 इस सीढ़ियों में सबसे पहले सीधी पे आपको एक कल रंग की शीला दिखेगी जिसका नाम है जंबो शीला कहते हैं जब भी आप मंदिर में प्रवेश करें तो वह शीला पे पाव जरूर रखें जिससे आपके अंदर की सारी नेगेटिविटी और साड़ी बुरी सोच इस शीला में रह जाएगी और बाहर आते वक्त आपको सीढ़ियों पे पाओ बिल्कुल ना रखें ताकि आप अपने घर जाते समय वो नेगेटिविटी घर लेकर न जाये !
5.जगन्नाथ जी की प्रतिमा.. जगन्नाथ पुरी की स्थापना की गई थी राजा इंद्रधान के द्वारा ऐसा माना जाता है की एक दिन राजा इंद्रधान को नदी में तैरती हुई एक लकड़ी की शीला मिली और उसमें अत्यधिक तेज से चमकता हुआ दिल मिला और ऐसा माना जाता है की वह दिल है कृष्णा जी का फिर राजा इंद्रधान ने विश्वकर्मा जी की मदद से उसे लकड़ी की शीला से जगन्नाथ जी की प्रतिमा बनवाई और वह दिल इस प्रतिमा के अंदर रख दिया और उसके बाद स्थापना कराई जगन्नाथ पुरी मंदिर की ऐसा माना जाता है की सीमित सालों बाद वह प्रतिमा दोबारा बनवाई जाति है और भगवान कृष्णा का यह दिल नई प्रतिमा में रखा जाता है इस पूरे प्रोसेस को करने में तकरीबन 7 दिन लगते हैं और साथ दिन तक मंदिर में किसी भी भक्तजन का आना वर्जित किया जाता है !
6.परछाई.. Secrets of Jagannath Puri– जब भी आप जगन्नाथ पुरी मंदिर के दर्शन करने जाएंगे तब आप अपनी आंखों से स्वयं देखेंगे की मंदिर की इतनी ऊंचाई होने के बाद भी कड़ी धूप में भी इस मंदिर की परछाई कभी नहीं दिखती ! जगन्नाथ पुरी मंदिर का निर्माण इस तरीके से किया गया है की इस मंदिर की कभी परछाई ही नहीं पड़ती आप इस मंदिर के चारों तरफ घूम के देखेंगे तो आपको कही भी इस मंदिर की परछाई नहीं दिखेगी ऐसा क्यों होता है ये बात आज तक कोई नहीं समझ पाया है !
7. हवा.. Secrets of Jagannath Puri-जगन्नाथ पुरी मंदिर के ऊपर एक झंडा लगा हुआ है जिसे हर रोज बदला जाता है और ऐसा माना जाता है की यह झंडा हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है अगर हवा पूर्व से पश्चिम चल रही है तो वह झंडा पश्चिम से पूर्व की तरफ लहराएगा ऐसा क्यों होता है ये भी एक रहस्य है इसी के साथ-साथ आपको मंदिर के ऊपर एक सुदर्शन चक्र बना दिखेगा ऐसा कहा जाता है की उसे चक्र को आप किसी भी दिशा से देखें वह चक्र आपको हमेशा गोल आकर में ही नजर आएगा
8.भोगमण्डप… भोग मंडप में हर रोज हजारों भक्तों का खाना बनता है हर रोज जगन्नाथ जी को लगाया जाता है 56 भोग और वो 56 भोग बनाया जाता है इसी भोग मंडप में कहते हैं यहां पर हर रोज 2000 से लेकर 20000 तक भक्तजन आते हैं और इस भोग का प्रसाद ग्रहण करते हैं लेकिन आज तक कभी भी वह किसी भी भक्तजन के लिए कम नहीं पड़ा और ना ही यहां का भोग कभी भी फेंका गया है यह मंडप एशिया का सबसे बड़ा किचन माना गया है और इस भोग मंडप की सबसे खास बात ये है की यहां पर खाना बनाया जाता है मिट्टी के बर्तनों में जगन्नाथ पुरी का एक चमत्कार है की नव मिट्टी के बर्तनों में एक साथ खाना पकाया जाता है जिसमें एक के ऊपर एक मिट्टी के बर्तन रख दिए जाते फिर उसके नीचे आग लगाई जाति है और सबसे पहले जिस मिट्टी की बर्तन में खाना बनता है वह है सबसे ऊपर वाला मिट्टी का बर्तन आग नीचे लगाई जाती लेकिन सबसे पहले खाना पाक ऊपर वाले बर्तन में यह चमत्कार सिर्फ जगन्नाथ पुरी मंदिर में ही हो सकता है !
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