10 interesting facts about Nidhivan– वृंदावन का निधिवन वृंदावन मतलब तुलसी और वन मतलब जंगल और इसी तुलसी के वन को हम निधिवन के नाम से जानते हैं ! निधि वन जहां आज भी लोग यह मानते हैं कि श्रीकृष्ण और राधा रानी जी हर रात यहाँ रासलीला करने आते है ! जो भी यह रासलीला देख ले वे मनुष्य जिंदा नहीं बचता ! और इसी वजह से निधिवन की शाम की 7:00 की आरती के बाद इस जंगल में कोई भी नहीं रहता ना ही इंसान और ना ही जानवर !आज हम आपको इस ब्लॉग में निधिवन के बारे कुछ ऐसे रहस्य बताएंगे जो की पूरी दुनियाँ में बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है !
- 10 interesting facts about Nidhivan– 600 year. निधिवन एक तुसली के पेड़ो का बन है जो की माना जाता है की आज से तक़रीबन पौने 6 हजार साल पहले 10 किलोमीटर में फैला हुआ था और उसी जगह को लोग बोलते थे वृन्दावन
2. रासलीला.. भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था मथुरा में और गोकुल में उनका पालन-पोषण हुआ और वृंदावन वह जगह थी जहां पर उन्होंने लीलाये की थी और उन्हीं लोगों में से एक लीला है जब भगवान श्रीकृष्ण ने 16801 रूप लेकर तुलसी वन में यानि निधिवन में महाराष्ट्रचा आया था और गोपियों की कामनाएं और इच्छा पूरी की थी
3. संत चैतन्य महाप्रभु- कहते हैं कि कलियुग में निधिवन लुप्त होता जा रहा था तब संत चैतन्य महाप्रभु जी नव दीप से आकर वृंदावन में तपस्या करि जिससे उन्होंने तुलसी वन यानि निधिवन को प्रकाशित किया और इसी वजह से यह एक चमत्कार है कि कलियुग में भी निधिवन का तुलसी वन मौजूद है !
4. हरिदास- तानसेन जी के गुरु थे स्वामी हरिदासजी और स्वामी हरिदास जी ने वृंदावन में साढ़े 12 साल कृष्ण जी की तपस्या की और अपनी तपस्या के बाद उन्हें भगवान श्री कृष्ण के दर्शन प्राप्त हुए और इसी वजह से निधिवन में दो मूर्तियां प्रकट हुई जिसकी वजह से आज वृंदावन का नाम रखा गया है जिसमें पहली मूर्ति थी वृंदावन बिहारी और दूसरी थी बांके बिहारी !
5. तुलसी के पेड़- निधिवन में जो तुलसी के पेड़ है उन्हें वन तुलसी के नाम से जाना जाता है और यह माना जाता है कि निधि वन के तुलसी के पेड़ असल में तुलसी नहीं बल्कि कृष्ण जी के समय कि वह गोपियां हैं जो कृष्ण जी के साथ हर रात रासलीला करना चाहती थी और इसी वजह से कृष्ण जी के आशीर्वाद से कान्हा यहाँ हर रात यहाँ रासलीला करने आते है और दिन में वही गोपिया यहाँ की तुलसी के पेड़ बन जाती है !
6. सूखे पेड़- निधिवन के इसी तुलसी के पेड़ों को जब आप ऊपर से देखेंगे तो आपको यह हरी भरी नजर आएंगे लेकिन नीचे से देखने पर आपको पता चलेगा यह पेड़ बहुत ही सूखे हुए और मुरझाए हुए हैं यह माना जाता है कि यह एक चमत्कार और असल में यह पेड़ नीचे से झुक कर धरती को छू रहे हैं जो यह दर्शाता है कि वह पेड़ आज भी श्री कृष्ण को नमन कर रहे हैं !
7. ललिता कुंड- माना जाता है कि एक बार आधी रात को राधाजी की सहेलियों को प्यास लगी और वह यमुना नदी में पानी पीने चल दी तब राधा जी ने उन्हें रोक के कहा कि रात को किसी नदी को जगाया नहीं जाता और इसी वजह से कृष्ण जी ने जमीन से पानी निकाला और राधा जी की सहेलियों की प्यास बुझाई और उसी जगह को आज हम निधिवन में ललिता कुंड के नाम से जानते हैं !
8. 10 interesting facts about Nidhivan– 2 मूर्ति- स्वामी हरिदास जी की तपस्या से जो दो मूर्ति निधिवन में प्रकट हुई थी उनका नाम था वृंदावन बिहारी और कुंज बिहारी वृंदावन बिहारी मूर्ति थी विष्णु जी के बड़े भाई बलराम जी की जिसके दर्शन आप आज भी निधिवन में कर सकते हैं ! और जो दूसरी मूर्ति थी कुंजबिहारी वह निधिवन से दो किलोमीटर दूर स्थापित कर दी गई और जिसे हम आज बांके बिहारी मंदिर के नाम से जानते हैं !
9. सिंगार महल- निधिवन में आज भी एक श्रृंगार महल है जिसमें हर रात 7:30 की आरती के बाद वहां के पुजारी उस महल में श्रृंगार का सामान सजा कर रखते हैं और अगले दिन जब वह सुबह लौटते हैं तो उन्हें वह सारा श्रृंगार का समान इस्तेमाल हुआ मिलता है यह चमत्कार आज भी निधिवन में हर रोज होता है जिसमें यह माना जाता है कि हर रात श्री कृष्ण और राधा रानी जी निधिवन आते हैं !
10. गोपेश्वर महादेव -निधिवन में जब हर शाम कृष्ण जी गोपियों के साथ रास रचाते थे तो यह देखकर एक दिन शिव जी कृष्ण जी के दर्शन करने एक स्त्री का रूप लेकर निधिवन आ जाए ताकि वे कृष्ण जी के साथ निधिवन में रास रचा सके और उन्हें ऐसा करते हुए किसी भी गोपी ने नहीं पहचाना लेकिन कृष्ण जी ने पहचान लिया और उसी समय उन्होंने शिवजी को गोपेश्वर नाम से पुकारा जिसका मतलब है गोपियों का इश्वर इसीलिए वृंदावन में शिव जी का मंदिर है जहां पर उन्हें गोपेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है !
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